भारत के गृहमंत्री अमित शाह BJP अध्यक्ष बने रहेंगे या नहीं इस बात पर काफी लम्बे समय से चर्चाएं हो रही थी. सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली हैं कि अमित शाह के अभी 6 महीने तक पार्टी अध्यक्ष बने रहने की संभावना हैं. क्यूँकि इन 6 महीने के दौरान विधानसभा चुनाव हैं. जब तक चुनाव खत्म नहीं हो जाते तब तक अमित शाह BJP के अध्यक्ष बने रह सकते हैं.
कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी अमित शाह पार्टी के अध्यक्ष पद पर क्यों नहीं बने रह सकते हैं. इसका कारण यह हैं कि बीजेपी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू है, जिसका मतलब अगर आप सरकार में रहते हैं तो आपको पार्टी का पद छोडना पड़ेगा और अगर आप पार्टी में हैं तो आपको सरकार के पद से हटना होगा.
लोकसभा सभा चुनाव में BJP को मिली जीत के लिए अमित शाह का बहुत अहम योगदान माना जाता हैं, क्योंकि जिस तरह पिछले 5 सालों में अमित शाह ने BJP को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया है, उससे शाह के मुक़ाबले का अध्यक्ष चुनना पार्टी के लिए निश्चित रूप से बेहद मुश्किल साबित हो रहा हैं.
अमित शाह गुरुवार को सभी राज्यों के BJP अध्यक्षों और महासचिवों से आंतरिक चुनाव और पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा करेंगे. BJP के कई वरिष्ठ नेताओ द्वारा यह कहा जा रहा हैं कि आंतरिक चुनाव अक्टूबर – नवंबर तक ही पूरे हो पाएंगे . तब तक शाह पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे या नहीं इस बात पर बैठक में चर्चा होगी.
इन राज्यों में शाह ने दिलाई जीत
2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए ग्रहमंत्री अमित शाह ने 300 से ज़्यादा लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया था और 160 से ज़्यादा चुनावी रैलियाँ की थीं.
इसके अलावा 2014 के चुनाव में बीजेपी की जीत के पीछे अमित शाह का एक अहम योगदान था. उस समय किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि इतने लंबे समय से UP की सत्ता से बाहर BJP अपने दम पर UP में 80 में से 71 सीटें जीत सकती है. शाह के चुनाव के दौरान अच्छा प्रदर्शन देखते हुए, पार्टी में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था.
2014 में ही BJP ने शाह के नेतृत्व में महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा में सरकार बनाई और जम्मू-कश्मीर में उपमुख्यमंत्री का पद हासिल किया था.
2015 में दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद शाह चुप नहीं बैठे और 2017 में UP और उत्तराखंड में शाह ने पार्टी को बड़ी जीत दिलाई. इसके साथ-साथ असम, त्रिपुरा में भी शाह ने पार्टी को जीताने में अहम रोल निभाया था.
देश के अधिकतर राज्यों में अगर आज BJP की मौजूदगी नज़र आती है तो इसके पीछे अमित शाह का ख़ास चुनावी प्रबंधन बताया जाता है.