दिल्ली में पानी और बिजली की कीमत आधी करने के बाद अब आम आदमी पार्टी महिलाओ को मेट्रो और बसों में मुफ्त सफर कराने की योजना पर काम रही रही. यदि सब कुछ सही रहा था तो 6 महीने में इस जनकल्याणकारी योजना को लागु कर दिया जाएगा. योजना लागु होने के बाद महिलाओं को नहीं देने पड़ेंगे टिकटों के लिए पैसे. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इसके लिए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) से जल्द प्रस्ताव लाने को कहा है.
AAP सरकार ने DMRC से सुझाव माँगा है की वह कैसे इस योजना लागु करेगा. इसके लिए किसी खास तरह के मुफ्त पास लाये जायेंगे या फिर कोई और विकल्प होगा.
अंदाज़ा लगाया जा रहा है की इस योजना को लागु करने के बाद सरकार पर प्रति वर्ष 1200 करोड़ का बोझ पड़ेगा. बताया जा रहा है की ये योजना आने वाले विधानसभा चुनाव को नज़र में रख कर लाया जा रहा है.
दिल्ली सरकार की नियत इस योजना को बसों और मेट्रो पर लागू करने की है. डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसों में इसे लागू करने में सरकार को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन मेट्रो में सुरक्षा को नज़र में रखते हुए इस योजना को लागू करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को इस योजना के सिलसिले में मेट्रो के अधिकारियों से बात की.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मेट्रो के अधिकारियों से कहा है कि यह योजना किसी भी तरह हमें लागू करनी है. मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी. इसके लिए वह DMRC को भुगतान करेगी. बसों और मेट्रो में कुल मिलाकर 33 फीसद महिलाएं सफर करती हैं. इस हिसाब से अंदाज़ा लगाया गया है कि, हर साल करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार को उठाना होगा. तो वहीँ, अगर हम मेट्रो की बात करें तो महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर सालाना करीब एक हजार करोड़ का खर्च आएगा. बात-चीत के दौरान मेट्रो के अधिकारियों का कहा कि बसों के मुकाबले मेट्रो में महिलाएं ज़यादा सफर करती हैं.