अपनी ही पार्टी की एक महिला प्रवक्ता के संग यौन उत्पीड़न करने के मामले में आरोपी बनाए गए JVM के विधायक प्रदीप यादव ने देवघर के साइबर थाना में SDOP विकास चंद्र श्रीवास्तव और IO संगीता कुमारी के समक्ष अपना पक्ष रखा.
प्रदीप पर यह आरोप लोकसभा चुनाव के दौरान उनके ही पार्टी की एक तत्कालीन प्रवक्ता ने लगाई थी. इधर, इसी मामले में प्रदीप के वकील के तरफ से देवघर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मोहम्मद नसरुद्दीन की अदालत में दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर 17 जून को सुनवाई होगी.
- JVM विधायक प्रदीप यादव पर पार्टी केंद्रीय प्रवक्ता रही एक नेत्री के द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न मामले की जांच SIT टीम कर रही है.
- पुलिस ने जांच के क्रम में अब तक एक दर्जन लोगों से पूछताछ की है, जबकि विधायक प्रदीप यादव को भी नोटिस भेज कर अपना पक्ष रखने को कहा है.
- विधायक प्रदीप याद को इस मामले में 14 जून तक अपना पक्ष रखने को कहा गया था. पुलिस ने इस मामले में विधायक के बाडीगार्ड से पूछताछ के लिए भी नोटिस भेजी है.
इस मामले में प्रदीप यादव का कहना है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. समय आने पर सभी बातों का खुलासा हो जाएगा.
क्या था मामला ?
आपको बता दें कि, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) की प्रदेश प्रवक्ता ने अपनी ही पार्टी के प्रधान महासचिव और गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन के उम्मीदवार रहे प्रदीप यादव पर छेड़छाड़ का आरोप लगया था. उन्होंने देवघर के महिला थाने में प्रदीप यादव के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था. पीड़ित महिला रांची के हटिया की रहने वाली हैं और झारखंड हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस कर रही हैं.
पीड़िता का आरोप था कि बीते 20 अप्रैल को देवघर के मोहनपुर में महागठबंधन की ओर से एक जनसभा का आयोजन किया गया था, जिसमें बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन, हरिनारायण राय और प्रदीप यादव जैसे दिग्गज उपस्थित थे. जनसभा खत्म होने के बाद प्रदीप यादव ने उन्हें पार्टी के काम से एक होटल में बुलाया, जहां कुछ लोगों से मिलवाने की बात हुई थी.
पीड़ित ने बताया था कि, ‘तकरीबन साढ़े आठ बजे वह होटल पहुंची. उसी वक्त प्रदीप यादव ने उनके साथ बदसलूकी की और छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की. इसके बाद उन्होंने ने बाबूलाल मरांडी को फोन किया और घटना की पूरी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा.’ महिला का आरोप है कि प्रदीप यादव के तरफ से उन्हें लगातार धमकी दी जा रही थी.
इस मामले में पूर्व प्रधान महासचिव प्रदीप यादव का भी बयान आया था, उन्होंने कहा था कि उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत BJP फंसाने की कोशिश कर रही है. मनगढ़ंत आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि निशिकांत दुबे को हार का डर सता रहा है. लिहाजा तरह-तरह के हथकंडे का इस्तेमाल किया जा रहा है. हलांकि पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट चुकी है.