भगवान शिव के कई पावन स्थल हैं. जिनमें से एक अमरनाथ गुफा भी हैं जो कि जम्मू – कश्मीर में स्थित हैं. अमरनाथ यात्रा पर हर साल लाखों की संख्या में लोग जाते हैं. अमरनाथ गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है. जिसके दर्शन करने के लिए देश-विदेश से भोले बाबा के भक्त आते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन से जीवन की कई तरह की बाधाओं को व्यक्ति आसानी से पार कर लेता हैं.
अमरनाथ यात्रा का महत्व
ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान शिव ने माता पार्वती को इसी गुफा में बैठकर अमरत्व की कथा सुनाई थी. इस कारण से इस गुफा का इतना महत्व है.
इस गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से ठोस बर्फ से शिवलिंग बनता है. शिवलिंग के अलावा पास में ही माता पार्वती और शिवपुत्र भगवान गणेश का भी बर्फ लिंग बना हुआ होता है.
हर वर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा सोमवार 1 जुलाई से शुरू होने वाली है. यात्रा को सरल बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं. दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र इस गुफा के दर्शन के लिए 40 दिन की यह यात्रा दो मार्ग बालटाल और पहलगाम से शुरू होगी.
500 वर्ष पहले हुई थीं खोज
अमरनाथ गुफा को करीब 500 वर्ष पहले एक मुस्लिम, बूटा मलिक नामक व्यक्ति ने खोजा था. बूटा मालिक के वंशज आज भी मौजूद हैं और अमरनाथ यात्रा से जुड़े हुए हैं.
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गृहमंत्री अमित शाह ने भी अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के आदेश दिए और मानक संचालन प्रक्रियाओं के पालन का निर्देश दिया.