26 अगस्त को हर वर्ष राष्ट्रीय महिला समानता दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय महिला समानता दिवस मनाने की शुरुआत किस देश ने की थी. न्यूजीलैंड विश्व का पहला देश है, जिसने महिला समानता की शुरुआत की.
महिला समानता दिवस का इतिहास
इसके बाद इसी दिन अमेरिकी संविधान में हुए 19वें संशोधन के तहत महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया था. यह दिवस इसी ऐतिहासिक घोषण की याद में मनाया जाता है. यह वह दिन था जब पहली बार अमेरिकी महिलाओं को पुरुषों की तरह वोट देने का अधिकारा दिया गया.
इसके पहले वहां महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नागरिक का दर्जा प्राप्त था. महिलाओं को समानता का दर्जा दिलाने के लिए लगातार संघर्ष करने वाली एक महिला वकील बेल्ला अब्ज़ुग के प्रयास से 26 अगस्त 1971 को ‘महिला समानता दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा.
भारत में महिलाओं की स्थिति की बात करें तो शुरुआती दौर में महिलाओं को वोट देने का अधिकार तो था लेकिन उन्हें समानता से दूर रखा गया. अभी भी भारत में कुछ महिलाओं को समानता प्राप्त हुई है तो कुछ महिलाएं रोजाना असामनता के दुःख को अपने घर और समाज में बर्दाश करती है.
हालांकि जब जब भारतीय महिलाओं को मौका मिला है उन्होंने हर मोर्चे पर अपनी कामयाबी का परचम लहराया है. चाहे वह मोदी कैबिनेट में वित्त मंत्री के पद पर कार्यरत निर्मला सीतारमण हो या खेल के मैदान में परचम लहराने वाली पीवी सिंधु हो.