एक कहावत है कि कोर्ट और अस्पताल के चक्कर में बड़े बड़े अमीर नीलाम हो जाते है. लेकिन जब कोई बड़ी बीमारी किसी गरीब के घर दस्तक़ देती है तब क्या होता है. मौजूदा दौर में जहां देश के ज्यादातर सरकारी अस्पताल खुद बीमार पड़े हैं और प्राइवेट अस्पतालों की महंगाई अच्छे भले इंसान को परेशान कर जाती है.
यह कहानी है रामगढ़ के तेलियातु निवासी बुटेलाल की तीन वर्षीय बेटी कृति कुमारी की जो इस वक़्त ब्रेन ट्यूमर जैसे बीमारी से गुज़र रही है.
कृति का परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर है, जिस वजह से उसके पिता अपनी बेटी इलाज कराने में असमर्थ थे. अपनी बेटी के इलाज के लिए कृति के पिता ने कई सामाजिक लोगो और संगठनों से संपर्क किया और मदद की गुहार लगाई.
ज्यादातर कहानियों में एक ही हीरो होता है, जो हर किसी को मुश्किल समय से बाहर निकालता है. लेकिन इस कहानी में एक नहीं बल्कि कई हीरो हैं.
अपनी बेटी की इलाज और सहायता के लिए कृति के पिता भाजपा नेता धनंजय कुमार पुटूस के दरवाज़े पर पहुंचे. इसके बाद धनंजय कुमार पुटुस के संग समाजसेवी अनूप सिंह,सत्येन्द्र कुमार आदि ने रामगढ़ उपायुक्त से संपर्क किया,जिस पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने गुहार को गंभीरता से लिया और हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया.
वैसे तो हमारे देश में जब लोग किसी सरकारी व्यक्ति के पास जाते हैं तो उनको आश्वासन से ही संतोष करना पड़ता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. उपायुक्त राजेश्वरी बी के प्रयास से CSR फंड से कृति के इलाज के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद की गयी.
चुकी कृति का इलाज उत्तरप्रदेश के लखनऊ में चल रहा है और उनका पूरा परिवार वहीं है,तो परिजनों की गैरमौजूदगी में भाजपा नेता धनंजय कुमार पुटूस व सतेंद्र कुशवाहा ने एक लाख का चेक रिसीव किया और बैंक के माध्यम से पैसे कृति के पिता तक पहुंचाया.