भारत में शिक्षा की व्यस्था की कितनी लचर है, इस बात से शायद हम सब रूबरू हैं. दुनिया के कुल अशिक्षित लोगों में से 36 प्रतिशत भारत के लोग हैं.
यदि इस परिस्थिति को बदलने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए गए हैं, तो यह अनुमान लगाया गया कि यह संख्या साल 2020 तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी.
हाल के दिनों में कई शोधों और रिपोर्टों ने संकेत दिया है कि भारत के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल कमी है.
लेकिन देश में इस अशिक्षा के गहराते अँधेरे को हटाना के लिए और बच्चों की ज़िन्दगी को शिक्षा की रौशनी से रौशन करने के लिए कई ऐसे लोग और NGO हैं जो इस दिशा में काम कर रही है.
ऐसी ही एक NGO है Room to Read, जो देश और विदेश में शिक्षा को फ़ैलाने का काम कर रही है. इसकी शुरुआत साल 2000 में इस विश्वास पर की गयी थी कि दुनिया को बदलने की शुरुआत शिक्षित बच्चों के साथ होनी चाहिए है.
भारत के 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, रूम टू रीड इंडिया ने “इंडिया गेट्स रीडिंग” अभियान शुरू किया. यह 3 महीने का लंबा अभियान है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक विद्यालय के बच्चों पर ध्यान देने के साथ देश भर में पढ़ने की संस्कृति को विकसित करना है.
रूम टू रीड का मानना है कि बच्चों के बीच पढ़ने की आदत विकसित करना महत्वपूर्ण है.
इस तीन महीने की अवधि के दौरान, रूम टू रीड दस राज्यों में बच्चों और माता-पिता के सरकारी स्कूलों के साथ स्कूल स्तर की पठन गतिविधियों का आयोजन करेगा
रूम टू रीड इंडिया के कंट्री डायरेक्टर ने बताया कि
“हमारी दृष्टि एक सामुदायिक आंदोलन का निर्माण करना है जो माता-पिता, शिक्षकों, सरकार और व्यवसायों को एक सामान्य उद्देश्य के लिए अशिक्षा को दूर करने के लिए प्रेरित करेगा.”
अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था, रूम टू रीड, 2003 से भारत में प्रारंभिक ग्रेड साक्षरता और लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्रों में काम कर रही है और अब तक अपने कार्यक्रमों के माध्यम से 4.3 मिलियन से अधिक बच्चों को फायदा पहुंचा चुकी है.
2017 के अंत तक, रूम टू रीड ने पूरे भारत में 3.7 मिलियन बच्चों को लाभान्वित किया और अगले तीन वर्षों में 1,200 प्राथमिक स्कूलों में 550,000 से अधिक बच्चों तक पहुंचने के लिए 20 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश करने का इरादा किया है.
हम साक्षरता कौशल और प्राथमिक स्कूल के बच्चों के बीच पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए स्थानीय समुदायों, साझेदार संगठनों और सरकारों के साथ मिलकर काम करते हैं.
यह सुनिश्चित करते हैं कि लड़किया कम से कम माध्यमिक विद्यालय की पढ़ाई ज़रूर पूरा करे.
रूम टू रीड ने 14 देशों में 20,000 से अधिक समुदायों में 11.6 मिलियन बच्चों को लाभान्वित किया है और 2020 तक 15 मिलियन बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य है.