दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बड़ा तोहफ़ा दिया है. महिलाओं को अब दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों में सफर करने के लिए पैसे नहीं देने होंगे. ये योजना अगस्त-सितंबर 2019 से लागू की जाएगी.
इस योजना का ऐलान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया. उन्होंने कहा, ये योजना लाने के पीछे का मकसद यह है दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित यात्रा कर सकें. सारी DTC बसों, क्लस्टर बसों और मेट्रो ट्रेन्स में अगस्त-सितंबर 2019 से महिलाएं मुफ़्त सफर कर सकेंगी. ताकि वो सुरक्षित सफ़र कर सकें और महंगी कीमत होने की वजह से पहले जो परिवहन के साधन उनकी पहुंच से दूर थे, उसका भी इस्तेमाल वो कर सकें.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्वेच्छा पर है कि अगर वो मुफ़्त यात्रा नहीं करना चाहती हों, तो टिकट के पैसे दे सकती हैं. उन्होंने कहा-
कई महिलाएं हैं जो इन सारे परिवहन साधनों का ख़र्च उठा सकती हैं. जो ये टिकट खरीद सकती हैं, उनकी इस स्कीम के तहत सब्सिडी लेना ज़रूरी नहीं. हम ऐसी महिलाओं से अपील करते हैं कि वो टिकट खरीदें. ताकि जिन्हें ज़रूरत है, उन्हें इस स्कीम का फायदा मिल सके.
Delhi CM Arvind Kejriwal: I've given one-week time to officials to make a detailed proposal – for both DTC & metro – on how & when can this be implemented. We're making an effort to start this within 2-3 months. We're also seeking suggestions from people, regarding implementation pic.twitter.com/56veDUj9nz
— ANI (@ANI) June 3, 2019
अंदाज़ा लगाया जा रहा है की इस योजना को लागु करने के बाद सरकार पर प्रति वर्ष 1200 करोड़ का बोझ पड़ेगा. बताया जा रहा है की ये योजना आने वाले विधानसभा चुनाव को नज़र में रख कर लाया जा रहा है.
इससे पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मेट्रो के अधिकारियों से कहा था कि यह योजना किसी भी तरह हमें लागू करनी है. मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी. इसके लिए वह DMRC को भुगतान करेगी. बसों और मेट्रो में कुल मिलाकर 33 फीसद महिलाएं सफर करती हैं. इस हिसाब से अंदाज़ा लगाया गया है कि, हर साल करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार को उठाना होगा. तो वहीँ, अगर हम मेट्रो की बात करें तो महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर सालाना करीब एक हजार करोड़ का खर्च आएगा. बात-चीत के दौरान मेट्रो के अधिकारियों का कहा कि बसों के मुकाबले मेट्रो में महिलाएं ज्यादा सफर करती हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल पूछे जाने पर कि क्या ये फैसला आने वाले असेंबली इलेक्शन के मद्देनज़र लिया गया है,
CM अरविन्द केजरीवाल ने कहा दिल्ली सरकार लगातार अच्छे काम कर रही है. सस्ता बिजली-पानी. बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं. तो ये मेट्रो और सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ़्त यात्रा की सुविधा देना, इसी प्रक्रिया का हिस्सा है. इस योजना के लिए सरकार बसों को खरीद कर रही है. इसके लिए अलग से बजट सत्र बुलाया जाएगा.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए उन्हें केंद्र से इज़ाजत लेनी होगी ?
मुख्यमंत्री ने इनकार किया. कहा, सब्सिडी देने के लिए केंद्र से परमिशन लेने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने के खिलाफ थी उनकी सरकार. उन्होंने केंद्र से अपील भी की थी. कि वो किराया न बढ़ाए. लेकिन तब सेंट्रल गर्वनमेंट ने दिल्ली सरकार की बात नहीं मानी. तो अब वो महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनज़र ये स्कीम ला रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर डीटीसी को स्कीम का खर्च खुद उठाने को कहा गया होता, तो ये ग़लत होता. मगर ये पैसा तो दिल्ली सरकार देगी. उन्होंने कहा कि परिवहन सरकार की जिम्मेदारी है. जो पैसा सरकार इस स्कीम में लगाएगी, वो जनता का ही पैसा है.
इस योजना पर BJP नेता मनोज तिवारी का भी बयान आ गया है.
BJP दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि 52 महीनों में सीसीटीवी, वाईफाई, महिला सुरक्षा के लिए बसों में पैनिक बटन, बसों में मार्शल और नई बसें तो उपल्बध नहीं करा पाये बल्कि पुरानी बसों को भी दिल्ली की सड़कों से नदारद कर दिया. मुख्यमंत्री केजरीवाल का ये नया सगुफा अब काम नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी उनके आईडिया का विरोध नहीं करते है लेकिन जो 52 महीनों में शुरू नहीं हो सका, वह पांच से छह महीने में कैसे हो जाएगा?
BJP ने कहा कि जब मेट्रो का किराया बढ़ा तो केजरीवाल की स्वीकृति से बढ़ा और अब जब छह महीने बाद चुनाव हैं तो केजरीवाल ये एक नया खोखला वादा कर रहे हैं सिर्फ अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए. केजरीवाल सिर्फ एक घोषणा मंत्री हैं.