इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में लगातार सुनवाई चल रही है. सुनवाई के आंठवे दिन रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने दलील पेश की. सीएस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जहां मस्जिद बनाई गई थी उसके नीचे एक विशाल मंदिर था.
जिसका सबूत ASI की खुदाई में जो चीजें सामने आईं हैं उससे पता चलता है. खुदाई में ऐसे स्ट्रक्चर मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वहां पहले हिंदू मंदिर था.
वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि हिन्दू वहां पर अभी भी पहले की तरह जाते रहे हैं और पूजा अर्चना करते रहे हैं. उन्होंने उस जगह पर पूजा करना कभी बंद नहीं किया. हिंदुओं की आस्था इस जगह पर शुरू से चली आ रही है.
वैद्यनाथन का कहना है कि बाबरी मस्जिद के नीचे जिस तरह के स्ट्रक्चर मिले हैं. उसकी बनावट, निर्माण के तरीके और भगवान के चिन्ह बताते हैं कि वहां पहले से ही मंदिर था.
आगे वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष पहले इस मंदिर के स्ट्रक्चर को ही मना करता था, कि यहां कोई स्ट्रक्चर नहीं है. लेकिन बाद में कहने लगे कि स्ट्रक्चर तो था, पर वह एक इस्लामिक स्ट्रक्चर था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बारे में बताते हुए वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि जस्टिस अग्रवाल ने भी स्वयं लिखा है कि अयोध्या में भगवान राम का प्राचीन मंदिर तोड़ दिया गया था.
उसकी जगह मस्जिद बना दी गई थी. वैद्यनाथन ने कहा कि मंदिर तोड़ देने के बावजूद भी हिन्दुओं की उस स्थान के प्रति आस्था बनी हुई है.
अपनी दलीलों को सुप्रीम कोर्ट में पेश करते हुए वैद्यनाथन ने कहा कि मैंने पुराने सभी तथ्य और रिकॉर्ड पेश किए हैं. इससे यह साबित होता है कि राम जन्मभूमि में भगवान राम का जन्म स्थान है.