झारखंड में SC व ST के लंबे समय से पिछड़े होने के कारण कट ऑफ के आधार पर इस समुदाय से शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं. शुक्रवार को कार्मिक विभाग की शिक्षा बैठक में CM रघुवर दास को इस मुद्दे के बारे में बताया गया.
जिसके बाद अफसरों के साथ चर्चा करके सरकार ने शिक्षक पद पर SC- ST के कैंडिडेट के लिए कट ऑफ अंक 45 % से घटाकर 40% और आदिम जनजाति के लिए 38% करने का निर्देश दिया है.
45 हजार से अधिक लोगों को पिछले 4 सालों में किया नियुक्ति
CM रघुवर दास ने कहा कि पिछले 4 सालों में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों की सीधी नियुक्ति की गयी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वह आने वाले 6 महीनों में 15,139 नियुक्ति बाकि है इन्हे भी जल्दी पूरा करें CM ने आदेश दिया कि दिसंबर तक सभी नियुक्तियां पूरी हो जानी चाहिए.
सरकार के मुताबिक़ अगले 6 महीनों में विभिन्न विभागों की लगभग 20 हजार सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय नीति लागू होने से 95% स्थानीय लोगों को लाभ मिला है जिसमे सबसे ज्यादा फायदा राज्य के युवाओं को मिला है. इसके अलावा CM का कहना है कि राज्य गठन के 14 साल बाद भी किसी सरकार ने स्थानीय नीति को लागू नहीं किया था. क्यूंकि इससे राज्य की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती थी.
इस समीक्षा बैठक में CM रघुवर दास के साथ मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी, शिक्षा सचिव ए पी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव जे पी एस सी रणेंद्र कुमार, राजू रंजन, ए के खेतान, ए के सत्यजीत, ओम प्रकाश शाह, सतीश कुमार जायसवाल, चंद्रभूषण प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को 40 फीसदी अंक लाने पर कैंडिडेट को शिक्षक पद पर नियुक्त इसलिए किया जाएगा ताकि यह समुदाय अपना विकास कर सके. लेकिन विधानसभा चुनाव करीब है और कुछ समय में झारखंड में चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के निकट आते ही सरकार का SC- ST के लिए इतना बड़ा फैसला लेना सच में पिछड़े वर्ग के लोगों का विकास करना हैं या फिर सरकार सरकारी नौकरियों की नियुक्ति के नाम पर गरीब वर्ग को झांसे में लाकर अपना वोट बैंक हासिल करना चाहती हैं.