गरीबी इंसान को कुछ क़ानूनी और गैरकानूनी काम करने के लिए मजबूर कर देती है. यह तो सुना है लेकिन जब गरीबी एक ऐसे मोड़ पर आ जाए कि एक महिला को अपने इलाज के लिए खुद के बच्चों को बेचना पड़े. इससे ज्यादा दुःख की बात और कोई नहीं हो सकती. ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है. जहां रूपए न होने महिला अपना इलाज कराने के लिए अपने बच्चों को बेचना चाहती थी.
दरअसल, बिहार के नालंदा में गरीबी से परेशान एक बीमार महिला पैसे नहीं होने की वजह से अपने बच्चों को बेचना चाहती थी. क्यूंकि महिला बीते एक साल से कुपोषण और ट्यूबरक्लोसिस से जूझ रही है.
बीमार महिला के पति ने उसे छोड़कर दूसरी शादी कर ली. जिसके बाद उनके घर में खाने तक के पैसे नहीं थे.
महिला ने बताया कि जब उसे बीमारी के डर से जान जाने का खतरा बढ़ता दिखा और मदद के लिए कोई आगे आते नहीं दिखा तो उसने अपने इलाज के लिए दोनों बच्चों को बेचने का फैसला लिया.
जिस अस्पताल में महिला भर्ती है, उसके मैनेजर सुरजीत कुमार ने बताया कि जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली मैंने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. उसके बच्चे भी कुपोषण के शिकार हैं और उनका भी इलाज चल रहा है.