इंदौर में क्रिकेट बैट से नगर निगम के अधिकारी को पीटने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किए गए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जिला अदालत ने कहा कि उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकती क्योंकि इस मामले पर उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था.
न्यायाधीश ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में गठित एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है, और वहां स्थानांतरित कर दिया जाता है.
जेल में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे के साथ, विधायक के समर्थकों ने बाहर डेरा डाला.
इंदौर में एससी-एसटी मोर्चा भाजपा के अध्यक्ष राजेश शिरोडकर ने कहा, “कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है, यहां तक कि हमारे मेयर को भी लसूडिय़ा पुलिस स्टेशन पर विरोध करना पड़ा. हमारे विधायक ने जो किया उसमें कुछ भी गलत नहीं है … अधिकारियों ने लोग और हमारे विधायक को धमकी दी थी. वह हमारा बचाव करेंगे ही क्योंकि वह हमारे चुने हुए प्रतिनिधि हैं.”
आपको बात दें कि,आकाश विजयवर्गीय को एक जीर्ण-शीर्ण मकान के विध्वंस का विरोध करने के दौरान सार्वजनिक रूप से नगरपालिका अधिकारी धीरेंद्रसिंह ब्यास पर हमला करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. कल पत्रकारों को प्रकरण सुनाते हुए, उन्होंने कहा “भाजपा में, हमें सिखाया गया है, पेहले अवनदान, फ़िर निवेदन और फ़िर दनादन. (पहले अनुरोध और फिर हमला)”.