इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने मंगलवार सुबह चंद्रयान 2 को चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया. जिसके बाद चंद्रयान 2 मिशन में सफलता हासिल होगी.
इसरो ने बताया कि चंद्रयान 2 के तरल इंजन को लगभग 1738 सेकंड के लिए उसमे आग जलाई जाएगी जिसके बाद यह अपने मिशन को अंजाम देगा. इस मिशन से महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया जायेगा.
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रयान को चांद की कक्षा में पहुंचाने की प्रक्रिया के संबंध में कहा कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण है.
इससे पहले चंद्रयान 2 को 22 जुलाई को दोपहर 2:43 पर लॉन्च किया गया था. अंतरिक्ष वैज्ञानिक ओपी कल्ला का कहना है कि लॉन्चिंग का समय चुनने के लिए लंबी कैलकुलेशन होती है. इसके कई पैरामीटर होते हैं.
अगर चांद पर कोई मिशन भेजना है तो पृथ्वी और चांद के मूवमेंट को ध्यान में रखा जाता है. चंद्रयान 2 के मामले में पृथ्वी और चांद के ऑर्बिट में घूमने से लेकर लैंडिंग में लगने वाले हर समय की गणना की गई होगी.
चंद्रयान 2 चंद्रयान 1 से तीन गुना ज्यादा भारी है. इस बार चंद्रयान 2 का वजन 3,877 किलो है. जबकि चंद्रयान 1 का वजन 1380 किलो था जो कि चंद्रयान 2 से लगभग तीन गुना ज्यादा है.