UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ बैठक की और अफसरों को सख्त ऑर्डर देते हुए कहा कि वह ऑफिस में बैठने की बजाय फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें और स्कूलों की जांच करें. स्कूलों में बच्चों को किताब, स्कूल बैग और यूनिफार्म देर से मुहैया कराने वाले अधिकारियों को योगी ने खरी-खोटी भी सुनाई. इसी के साथ योगी ने कहा कि अगर विभाग में कोई भी फाइल 3 दिन से ज्यादा रुकी तो अधिकारी पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
UP के 5 जिलें अमेठी, गाजियाबाद, सम्भल, कासगंज और शामली में अभी तक डायट की सुविधा नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने इन शहरों में डायट खोलने पर भी सहमति दे दी हैं. योगी ने 2019 और 2020 से हाईस्कूल में शिक्षा के अलावा अन्य वैकल्पिक विषय जैसे कि दैनिक जीवन में काम आने वाले विषयों को शामिल करने का सुझाव भी दिया.
योगी ने कहा इन मुद्दों पर दे ध्यान
शिक्षा विभाग समय-समय पर अपनी जरूरतों को शासन को बताएं ताकि सरकार मदद कर सकें.
योगी ने स्कूलों में सोलर पैनल लगाने पर भी जोर दिया और कहा कि स्कूलों में संवाद को बढ़ावा देना चाहिए. अधिकारियों को स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर और कर्मचारियों से बात करनी चाहिए. स्कूल की सुविधाओं के बारे में ध्यान रखना चाहिए. अधिकारियों द्वारा स्कूल के साथ की जाने वाली बैठकों की मॉनिटरिंग के भी आदेश दिए.
योगी ने स्कूल के प्रधानाचार्यों को साल में 2 बार पेरेंट्स मीटिंग का निर्देश दिया.
शिक्षक स्कूल में साफ सफाई, पीने का पानी और बिजली की व्यवस्था करें ताकि जब बच्चे एक जुलाई को स्कूल आएं तो उन्हें अच्छा माहौल मिलें.
योगी ने मिड डे मील के बारे में बात करते हुए कहा कि स्कूल में सप्ताह में एक दिन में बंटने वाले नि:शुल्क दूध की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए.
माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक आरके तिवारी और बेसिक शिक्षक रेणुका कुमार मौजूद रहीं.