झारखंड: सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है और आज सावन का पहला सोमवार है. सावन के पहले सोमवार पर राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. यह मंदिर केवल यहां के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आस पास के गांव व कस्बों के लिए भी आस्था का मुख्य केंद्र स्थल है.
इसलिए जिला प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूजा व सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए है. रांची पहाड़ी मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रविवार देर रात से मदिर परिसर में पहुंचने लगी थी. जिसके बाद सुबह 4 बजे से शिवभक्तों के लिए मंदिर परिसर के गेट खोल दिए गए हैं.
जिला प्रशासन ने पूजा और सुरक्षा के लिए किए यह खास इंतजाम
मंदिर में आने वाले शिवभक्त जल से भोले का जलाभिषेक करेंगे. मुख्य मंदिर और नाग मंदिर में अरघा लगाया गया है.
इसके साथ ही भक्तों के मंदिर तक पहुंचने और जलाभिषेक के बाद वहां से बाहर निकलने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं.
शिवभक्त मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए मुख्य गेट के दायीं ओर से चढ़ेंगे और पूजा के बाद मुख्य मंदिर के बायीं ओर से बनाए गए रास्ते से नीचे उतरेंगे.
भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीढ़ियों की रेलिंग की मरम्मत का काम पूरा कराया गया है.
पहाड़ी मंदिर में एक हजार लोटों की व्यवस्था की गयी है ताकि जो भक्त लोटा नहीं लाएंगे, वे यहां से ले लोटा सकेंगे और जलाभिषेक कर पाएंगे.
पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. पहाड़ी मंदिर परिसर में कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से CCTV के जरिए निगरानी भी की जाएगी.
पहाड़ी मंदिर में मेडिकल की सुविधा उपलब्ध की गयी है, ताकि आपात स्थिति में किसी का प्राथमिक इलाज मौके पर ही किया जा सके.
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