डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्ज़ा दिया जाता हैं. यह बात झारखंड के जमशेदपुर में कई डॉक्टरों ने साबित करके मिसाल पेश करने में लगे हुए हैं. PM नरेंद्र मोदी नए भारत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं. इस संकल्प को पूरा करने में ये डॉक्टर अपनी महवपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
कोई डॉक्टर खुद की कमाई से गरीबों के भविष्य के लिए मदद कर रहा है तो कोई डॉक्टर महंगी कार को छोड़ कर साइकिल से ऑफिस आते हैं. एक डॉक्टर ऐसा भी है जो खून देकर मरीजों की जान बचाने में मदद करता हैं.
आइए बताते हैं आपको ऐसे काबिल डॉक्टरों के बारे में
सबसे पहले बात करते हैं, डॉ. शुभोजित बनर्जी की जो मर्सी अस्पताल के शिशु रोग के डॉक्टर हैं और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों का खर्च उठाते हैं. इसके अलावा डॉ. शुभोजित बनर्जी आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कॉलरशिप भी देते है. डॉ. बनर्जी ने 12 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को गोद ले रखा है. हर वर्ष 5 नए थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की मदद करते हैं क्यूंकि थैलेसीमिया की दवाई महंगी होती हैं जिसके कारण गरीब व्यक्ति उन्हें खरीदने में असमर्थ रहते हैं.
इसके बाद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉय भादुड़ी जिनके घर में 3 लग्जरी कार, 2 मोटरसाइकिल है लेकिन फिर भी वह ऑफिस तथा मार्किट साइकिल से ही जाते हैं. प्रदुषण अधिक होने के कारण सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. डॉ. जॉय भादुड़ी का कहना हैं कि, किसी को जिम्मेदार ठहराने से हालात नहीं बदलने वाले हैं, बल्कि इसके लिए हमें खुद से शुरुआत करनी होगी. शहर से बाहर जाने की स्थिति में ही डॉ. जॉय भादुड़ी कार का प्रयोग करते हैं.
गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल के सह सर्जन डॉ. नागेंद्र सिंह अभी तक 15 हजार से अधिक गरीब मरीजों की फ्री सर्जरी करके जीवनदान दे चुके हैं.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. के के चौधरी मरीज़ों के इलाज के साथ साथ उन्हें खून देकर भी उनकी जान बचाने का कार्य करते हैं. डॉ. के के चौधरी अब तक 27 बार रक्तदान कर चुके हैं. डॉ. के के चौधरी पिछले 25 वर्षों से इलाज के अलावा समाजिक कार्य करते हैं