लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जो बेरोजगारी डाटा को अपने पिछले कार्यकाल में खारिज कर दिया था, नए कार्यकाल में उसे मान लिया है.
आपको बात दें कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. इसे आधिकारिक तौर पर अब मान लिया गया है.
कुछ महीने पहले लीक हुई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर है लेकिन उस वक़्त मोदी सरकार ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
मगर शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने उस रिपोर्ट को कुबूल कर लिया है जिसमे बेरोजगारी दर को 45 साल के ऊंचे स्तर पर बताया गया है.
सरकार ने पहले इस आधिकारिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि बेरोजगारी के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण समष्टिगत आंकड़ों को रोकने के लिए विपक्षी दलों के आरोपों को झेलना पड़ा था.
यह रिपोर्ट लोकसभा चुनाव से पहले ही लीक हो गई थी, इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष 45 सालों में सर्वाधिक बेरोजगारी दर को मुद्दा बना सरकार पर लगातार हमला कर रहा था. हालांकि, तब मोदी सरकार ने विपक्ष के दावों को हवा-हवाई बता दिया था.
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी 6.1 फीसदी बढ़ी.
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा.
अखिल भारतीय स्तर पर पर पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही.
इसी तरह, ग्रामीण क्षेत्रों में 3.8 प्रतिशत की तुलना में शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बेरोजगारी 10.8 प्रतिशत अधिक थी.