हाथरस गैंगरेप केस: पीड़ित परिवार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
पीड़ित परिवार की मांग दिल्ली में हो सुनवाई
नई दिल्ली। यूपी के हाथरस गैंगरेप केस में दलित युवती के साथ हुए कथित गैंगरेप और हत्या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है… याचिका में केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराने की मांग पीडित द्वारा की गई है.. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। इस दौरान यूपी सरकार द्वारा पीड़िता के परिवार को सुरक्षा
मुहैया कराए जाने का ब्यौरा दिया।
हाथरस गैंगरेप केस में निष्पक्ष सुनवाई की गुहार
हाथरस केस की सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट इंदिरा जयसिंह और यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में शामिल रहे…कोर्ट में एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने न्यायाधीश से हाथरस मामले की सुनवाई की दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की….अधिवक्ता जयसिंह ने कहा कि अगर मामले की सुनवाई यूपी में हुई तो इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो पायेगी….
सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो हाथरस गैंगरेप केस की कार्यवाही
सुनवाई के दौरान एडवोकेट जयसिंह ने सीजेआई से कहा कि इलाहाबाद से दिल्ली में ट्रायल को स्थानांतरित करने के लिए कोर्ट में पहली ही वकील सीमा कुशवाहा द्वारा एक आवेदन दिया जा चुका है…..जयसिंह ने कहा कि पीडित परिवार को यूपी में निष्पक्ष परीक्षण की उम्मीद नहीं है…..उन्होने बताया कि मामले की जांच पूरी तरह से बंद कर दी गई है और एफआईआर में नंबर भी नहीं है। साथ ही उन्होंने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में कराने की कोर्ट से इच्छा
जताई और कहा कि एक विशेष पीपी की नियुक्ति की जाए।
हाथरस गैंगरेप केस में उन्नाव रेप केस का भी हुआ जिक्र….
इस दौरान अधिवक्ता जयसिंह ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा दी गई गवाह सुरक्षा से पीड़ित परिवार पूरी तरह संतुष्ट नहीं है…. हम सीआरपीएफ सुरक्षा की मांग करते हैं। हाथरस गैंगरेप केस के पीड़ितों को राज्य सरकार के खिलाफ हैं कई शिकायत …… सुनवाई के दौरान वकील जयसिंह ने उन्नाव रेप केस का जिक्र भी किया….बताया कि उन्नाव रेप पीड़िता की मृत्यु हो गई, इस मामले में भी पीड़िता की मौत पहले ही हो चुकी है…पीड़ित परिवार कितना सुरक्षित है इस बात की कोई गारंटी नहीं है, इसलिए
हाथरस गैंगरेप केस में मुकदमे को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित किया जाना पीडित परिवार के लिए आवश्यक है।