झारखंड: नहीं थम रहा मानव तस्करी का दौर, पिछले 4 वर्षों से रांची- खूंटी में 100 से ज्यादा लड़कियां लापता
झारखंड में मानव तस्करी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड में लगातार लड़कियों को झांसे में लेकर उनका शोषण किया जाता है. कभी पढाई के बहाने तो कभी करियर के बहाने युवतियों को फंसाया जाता है. गरीबी की मार झेल रही दुर्लभ क्षेत्रों की लड़कियां इनका सबसे अधिक निशाना बन रही हैं.
हर वर्ष हजारों की संख्या में लड़कियों को झारखंड से ले जाकर महानगरों में प्लेसमेंट एजेंसियों के हवाले कर दिया जाता है इस बात की पुष्टि कई स्तर पर हो चुकी है. अगर केवल रांची और खूंटी की बात करें तो पिछले 4 वर्षों से यहां पर 100 से अधिक लड़कियों का कुछ अता-पता नहीं है कि वह कहां है.
दिल्ली में हैं सबसे ज़्यादा खरीददार
लड़कियों की सबसे ज्यादा खरीददार दिल्ली में है. दिल्ली ऐसे खरीददारों की सबसे बड़ी मंडी है. इसके अलावा मुंबई, UP, कोलकाता, उड़ीसा आदि राज्यों में भी ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियां इसकी बड़ी खरीददार है.
सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, रांची, पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, गोड्डा तथा गिरिडीह जैसे आदिवासी इलाकों से लड़कियों को सबसे अधिक यहां से वहां ले जाया जाता है.
दरअसल, रांची और खूंटी की लड़कियों को शादी तथा करियर बनाने का झांसा देकर जो लोग लड़कियों की तस्करी करते है और उनकी जिंदगी तबाह करते हैं. ऐसे गैंग के मास्टर माइंड को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस मास्टर माइंड की पत्नी सानिया की तलाश कर रही है, सानिया भी लड़कियों को फ़साने की मास्टर माइंड है.
बरकुली पंचायत के राय शिमला, चान्हों, जारी आदि गांवों की लगभग दो दर्जन लड़कियां गायब हैं, जिनमें से कई लड़कियों को श्याम सुंदर नाम के व्यक्ति ने फांसा था.
मानव तस्करी धंधे में कई दलाल व बिचौलिये को पकड़ा जा चुका है. इसके बावजूद भी दलालों का नेटवर्क इतना सक्रिय है कि इस तरीके के गैरक़ानूनी कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है.