झारखंड के रांची में भू-माफियाओं ने गांव के श्मसान घाट व मसना की जमीन ही बेच डाली
जालसाजी के तहत पाली गांव के चामु साहू के नाम से गांव की करीब सात एकड़ सामूहिक जमीन का कट रहा रसीद। रातू अंचालाधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई। बात पहुंची मुख्यमंत्री तक।
रांची। राजधानी में भू-माफिया लगातार अपना पैर पसार रहे हैं और कहीं भोले-भाले ग्रामीणों का तो कहीं सरकार की ही जमीन को अवैध तरीके से बेचने का काम कर रहे हैं। इसी का एक जीता-जागता उदाहरण प्रकाश में आया है। राजधानी के रातू प्रखंड के पाली गांव के श्मसान घाट व आदिवासियों के मसना की जमीन को जालसाजी कर गांव के ही एक व्यक्ति चामु साहू के नाम बेच (हुकुमनामा के माध्यम से) दी गई, उसके नाम पर ही जमाबंदी कर दी गई। यहां तक की यहां पर स्थित नदी को भी नहीं छोड़ा हैै। इस घटना के बाद गांव वालों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीण इसे अवैध जमाबंदी बताकर सरकार से इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
यह गांव रांची से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित स्थित है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत रातू अंतचाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की है। लेकिन अंचलाधिकारी ग्रामीणों को पिछले छह माह से सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। जबकि वे भी मान रहे हैं कि यह जमाबंदी अवैध तरीके से की गई है और इस पर कानूनी कार्रवाई भी की जानी है।
अंचलाधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई, ग्रामीण आक्रोशित
ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी को दिए गए शिकायत पत्र में कहा है कि रातू अंचल स्थित खाता संख्या 276, प्लाट संख्या 01,02,1418,1419 और 1421 के कुल 6.96 एकड़ भूमि चामु साहू के नाम पर अवैध जमाबंदी कर दी गई है। जिसे निरस्त करते हुए ग्रामीणों को उनका अधिकार दिलाया जाए। इस अवैध जमाबंदी के बाद यहां के कई जाति वर्ग के लोग, जैसे उरांव, लोहरा, महली, कोईरी महतो, अहीर, कुम्हार, कांदू, कमकर, केवट, बनिया, मोझाइत, ब्राह्मण, सोनार आदि जाति वर्ग के लोगों का शमशान घाअ और मसना है। अंचलाधिकारी ने अभी तक कोई कारवाई नहीं की है। इस क्षेत्र के कई गांवों में जमीन पर कब्जा करने का चल रहा है धंधा|