नेताओ के पलायन का दर्द झेल रही कांग्रेस का दर्द कम होते नहीं दिख रहा है. झारखंड में एक और कांग्रेसी नेता और प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थम लिया है.
सदस्यता ग्रहण करते ही कामेश्वर बैठा को प्रदेश तृणमूल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की अनुमति के बाद इस जिम्मेदारी को सौंपते हुए उनसे झारखंड में संगठन को मज़बूत करने की कयास लगायी जा रही है.
बता दें कि, पूर्व सांसद बैठा को तृणमूल कांग्रेस की ओर से पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री मलय घटक ने अध्यक्ष पद का पत्र सौंपा है.
तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय प्रभारी दयानंद प्रसाद सिंह ने बताया कि बैठा के अध्यक्ष बनने से प्रदेश में पार्टी को मजबूती मिलेगी.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही बैठा ने पार्टी नेताओं के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों और संगठन विस्तार को लेकर बैठक की.
सभी पार्टी पदाधिकारियों को अधिक से अधिक सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि संयुक्त बिहार में एक डीएफओ की हत्या में बैठा नामजद हैं और फिलहाल बेल पर हैं. इसके अलावा भी वह कई नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के मामले में आरोपित रहे हैं.
पलामू क्षेत्र से सांसद रहे कामेश्वर का इतिहास कई अलग अलग पार्टी से जुड़ा है.
- 2009 में झामुमो के टिकट पर पलामू से सांसद रह चुके हैं.
- 2007 के पलामू लोकसभा उपचुनाव में बीएसपी के उम्मीदवार थे.
- लगभग 20 हजार वोट से हार गए थे.
- 2014 में वह तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उनकी हार हुई थी.
- इसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे.