हमने कई बार देश के पुलिस की बेपरवाह और लापरवाह होने के किस्से सुने हैं. इसबार मामला झारखंड की राजधानी रांची के सिल्ली स्टेशन की है. बनता गांव निवासी मोगोजिया सोनार की मौत ट्रैन की चपेट में आने की वजह से हो गयी. पुलिस ने मृतक मोगोजिया सोनार की लाश को एक रिक्शे पर लाद के पोस्टमार्टम के लिए रांची के RIMS भेज दिया.
इधर पुलिस ने तो लाज-शर्म धो कर पी जाने वाली हरकत दिखा ही दी, दूसरी तरफ रिक्शा चालक ने भी अपनी करतूत से शर्मशार कर दिया. पोस्टमार्टन के लिए लाश ले जाने वाला रिक्शा चालक ने रिक्शा को सड़क के किनारे में खड़ा कर दिया और रस्ते में एक जगह शराब पीने के लिए रुक गया. शराब पी कर फिर वो लाश लेकर RIMS पहुंचा. जब तक वो शराब पी रहा था, तब तक लाश वहीँ रिक्शे पर सड़क किनारे पड़ी रही.
सिल्ली प्रखंड के बनता गांव का रहने वाला मोगोजिया सोनार जिसकी उम्र 55 साल थी, वो राजधानी रांची में रिक्शा चलाया करता था और इसी सिलसिले में वो रोज़ ट्रैन से सफर किया करता था. सिल्ली स्टेशन में रेलवे ट्रैक पार करने और प्लेटफार्म नंबर 3 पर चढ़ने के दौरान LTT रांची सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस की चपेट में गया. जिसके कारण बनता गांव निवासी मोगोजिया सोनार की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लाश को अपने कब्जे में ले लिए. उसके बाद पुलिस का यूं एक मृतक व्यक्ति का रिक्शा पर लाश भेजना उनके मानवता पर सीधे सवाल खड़ा करता है.
- क्या पुलिस के पास कोई गाड़ी नहीं थी लाश को अस्पताल भेजने के लिए ?
- यदि कोई गाड़ी नहीं थी तो पुलिस ने एम्बुलेंस क्यों नहीं बुलाया ?
- मोगोजिया एक रिक्शा चालक था,क्या इसलिए उसकी मर्यादा का ख्याल नहीं रखा गया और लाश को रिक्शे पर लाद कर भेज दिया गया ?