पी चिदंबरम को हिरासत में लिए जाने के बाद एक बड़ा ही खुलासा सामने आया है. जहां इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुख़र्जी दोनों ने अदालत में इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से मुलाक़ात की थी. मुलाक़ात के दौरान कार्ति चिदंबरम की तरफ से एक मिलियन डॉलर्स की रिश्वत मांगी गयी थी.
इसका मतलब यह है कि बाप और बेटे दोनों मिलकर रिश्वत लेते थे और गैरकानूनी कार्यों का साथ देते थे. कार्ति चिदंबरम पर लगे आरोपों के मुताबिक़ इंद्राणी मुखर्जी ने बताया कि इन्द्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी दोनों ने दिल्ली के 5 स्टार होटल में मुलकात की थी. जहां कार्ति चिदंबरम ने एक मिलियन डॉलर्स रिश्वत लेने की बात कही.
इंद्राणी मुखर्जी का यह भी कहना है कि कार्ति चिदंबरम ने पैसो के लेन देन के लिए उन्हें दो कंपनियों के सुझाव भी दिए थे कि वह पैसा उन कंपनियों में स्थानांतरित करे. जिसके बाद उनकी तरफ से कार्ति चिदंबरम को विदेश में सात लाख मिलियन डॉलर्स दिए गए थे.
यहां सवाल यह है कि एक तरफ कार्ति चिंदबरम का कहना है कि उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी के साथ उनका कोई संबंध नहीं है तो सात लाख मिलियन डॉलर्स जैसी बड़ी रकम उन्होंने क्यों ली और उस पैसे का क्या किया ? इतनी बड़ी रकम को देने के लिए विदेशी कंपनियों द्वारा चार फर्जी बिल बनाए गए थे.
गौरतलब है कि वर्ष 2006 से 2014 तक पी चिदंबरम वित् मंत्री थे, उन्ही के कार्यकाल के समय में बेटे कार्ति चिंदबरम की संपति में दोगुने से भी ज्यादा इज़ाफ़ा हुआ.
जिससे पता चलता है कि पी चिदंबरम वित् मंत्री का मोर्चा संभालकर गैरकानूनी कार्यों को मंजूरी देते थे. चिदंबरम परिवार पर घोटाले के कई अन्य मामले भी दर्ज़ है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के बाद पी चिदंबरम हिरासत में हैं, लेकिन कांग्रेस के कई ऐसे सदस्य हैं जो बेल पर बाहर है. जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नवजोत सिंह सिद्धू, राज बब्बर जैसे कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं, जो जमानत पर बाहर है.