पिछले साल की शुरुआत में पूरे देश को झकझोर देने वाली जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुई रेप और मर्डर की घटना पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है. 8 साल की बच्ची का बलात्कार करने वाले कुल सात में से 6 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. पठानकोट अदालत ने मुख्य आरोपी सांजी राम समेत अन्य 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसके अलावा सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया. इन सभी आरोपियों की सजा का ऐलान भी सोमवार दोपहर में किया गया.
Kathua rape and murder case: Tilak Raj, Anand Dutt and Surinder Kumar have been convicted for destruction of evidence. They have been given 5 years of imprisonment each. https://t.co/Wnmc4tdZ1M
— ANI (@ANI) June 10, 2019
इन 6 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है:
- ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी)
- स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया,
- रसाना गांव परवेश दोषी,
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तिलक राज,
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता,
- पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार
जबकि सांजी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया. कठुआ मामला जब सामने आया था तब देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई जगहों में ग़म का माहौल था. देश का हर व्यक्ति इंसाफ की गुहार लगा रहा था.
इस मामले में पुलिस ने कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक को नाबालिग बताया गया. हालांकि, मेडिकल परीक्षण से यह भी सामने आया कि नाबालिग आरोपी 19 साल का है. पूरी वारदात के मुख्य आरोपी ने खुद ही सरेंडर कर दिया था.
बता दें कि शुरुआत में इस मसले को जम्मू कोर्ट में सुना गया था लेकिन बाद में पठानकोट कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई जहां पर आज इसका फैसला आया.
इस फैसले को देखते हुए पठानकोट कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. यहां पर एक हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों को मुस्तैद किया गया, साथ ही बम निरोधक दस्ता, दंगा नियंत्रक दस्ता को भी यहां पर तैनात किया गया था.
जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार, रसाना गांव का परवेश कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज, पूर्व राजस्व अधिकारी का बेटा विशाल और उसका चचेरा भाई (जिसे नाबालिग बताया गया) शामिल था. इसके अलावा मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान सांजी राम भी पुलिस की गिरफ्त में है.
कठुआ मामले का पूरा घटनाक्रम
- 10 जनवरी, 2018: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हो गई.
- 12 जनवरी, 2018: बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में मामला दर्ज किया हुआ.
- 17 जनवरी, 2018: बच्ची का शव बरामद हुआ. पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई.
- 22 जनवरी, 2018: मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया.
- 16 फरवरी, 2018: दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया.
- 01 मार्च, 2018: बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए.
- 09 अप्रैल, 2018: पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया.
- 10 अप्रैल, 2018: आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था. पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
- 14 अप्रैल, 2018: हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘खौफनाक’ बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा.
- 16 अप्रैल, 2018: कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई. सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा.
- 07 मई, 2018: उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो.
- 03 जून, 2019: सुनवाई पूरी हुई.