दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुनील गौड़ गुरुवार को रिटायर हो गए. सुनील गौड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा सटीक फैसले लिए. जो कि कई बड़े नेताओं पर बहुत भारी पड़े. जस्टिस सुनील गौड़ 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्त हुए थे. 11 अप्रैल, 2012 को उन्हें स्थायी जज बनाया गया था. अपने कार्यकाल के दौरान सुनील गौड़ ने कई हाई प्रोफाइल और चर्चित मामलों की सुनवाई की.
जैसेकि INX मीडिया संबंधित मामले में गिरफ्तार हुए पी. चिंदबरम ने हाई कोर्ट की अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. जिसे जस्टिस सुनील गौड़ ने ख़ारिज कर दिया था.
इतना ही नहीं जस्टिस सुनील गौड़ ने ही अपने फैसलों में नेशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने को भी मंजूरी दी थी.
उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सोमवार को कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की अग्रिम जमानत को नामंजूर कर दिया था.
विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ भी जज सुनील गौड़ ने धन शोधन के मामले सहित भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों की भी सुनवाई की.
INX मीडिया केस की सुनवाई करते हुए 62 वर्षीय जज सुनील गौड़ ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया था. केवक यही नहीं केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस सुनील गौड़ ने कहा था कि वह इस पूरे मामले में ‘मुख्य साजिशकर्ता’ रहे हैं. गुरुवार को CBI अदालत ने पी. चिदंबरम को 5 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.