एमए पीएचडी की उपाधि कुडुख, उरांव मुंडारी या हो भाषा में दी जाए : बंधु तिर्की
MA PhD should be given in Kudukh, Oraon Mundari or Ho language: Bandhu Tirkey
रांची। मांडर विधायक बंधु तिर्की ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर कुडुख/ उरांव, मुंडारी, हो भाषा का स्वतंत्र विभाग गठन करने हेतु अविलंब आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। विधायक तिर्की ने अपने पत्र में कहा है रांची विश्वविद्यालय रांची में 9 भाषा मिलाकर एक स्नातकोत्तर पीजी विभाग चल रहा है। जबकि कुडुख/ उरांव,मुंडारी, हो भाषा का अलग अस्तित्व के साथ स्वतंत्र पहचान भी है। भारत सरकार इसे स्वतंत्र भाषा मानती है इसलिए इन भाषाओं का स्वतंत्र भाषा विभाग गठन कर स्वतंत्र पाठ्यक्रम बनाया जाए एवं एम०ए० पीएचडी की उपाधि कुडुख/ उरांव मुंडारी,हो भाषा में ही दी जाए।
उन्होंने कहा कि सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा झारखंड सरकार के पत्रांक 559 दिनांक 8:03. 2019 के निर्देशों का पालन करते हुए इन भाषाओं का स्वतंत्र विभाग गठन कर एम० ए०, पीएचडी की उपाधि कुडुख/उरांव मुंडारी भाषा में ही दिया जाए।