बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए और बिगड़े हुए हालातों को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में फैसला लिया गया कि मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस और कैबिनेट मंत्री अपनी एक महीने की सैलरी को बाढ़ पीड़ितों के लिए दान करेंगे.
महाराष्ट्र मुख्यालय में कहा गया कि सभी, मुख्यमंत्री और मंत्री राहत कोष में एक महीने का वेतन जमा कराएंगे.
Maharashtra Chief Minister's Office (CMO): CM Devendra Fadnavis and State Cabinet Ministers to donate their one month’s salary towards CM Relief Fund for #MaharashtraFloods. (File pic) pic.twitter.com/QNsCgshteI
— ANI (@ANI) August 13, 2019
कोल्हापुर और सांगली इन दो जिलों में बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. धीरे धीरे इन दोनों जिलों में पानी का स्तर कम हो गया है.
अधिकारीयों ने बताया कि बचाव अभियान खत्म हो गया है. लेकिन आर्थिक स्थिति को फिर से मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बाढ़ का प्रभाव इन दो जिलों में पड़ने के कारण यहां 9 दिनों में 43 लोगों की मौत हो गयी.
यातायात को पहले बंद कर दिया गया था, लेकिन सोमवार को पानी का स्तर कम होने के बाद यातायात के लिए रास्तों को फिर से खोल दिया गया है.
इसी के साथ साथ पेट्रोल, डीजल की सुविधाओं को भी दोबारा शुरू कर दिया गया है. बिजली और फ़ोन संपर्क की शुरुआत के लिए कार्य किया जा रहा है.