नरेंद्र मोदी ने बद्रीनाथ के दर्शन किये, टीएमसी ने लगाया यात्रा कवरेज को आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार भोर में भगवान बद्रीनाथ की पूजा-अर्चना किया। उन्होंने
लगभग 17 घंटे केदारनाथ गुफा में बिताये। भोलेबाबा के धाम में उन्होंने आज एक बार फिर भगवान शिव-शंकर की विधिवत पूजा की। मोदी ने कहा
कि कल गुफा में शरण लेने के दरम्यान उन्होंने बाहरी दुनिया से स्वयं को काटे रखा, बल्कि खुद में खोया
रहा। इस बीच, ममता की तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर मोदी की इस धार्मिक यात्रा को मीडिया में दिखाये जाने को चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन कहा।
सौभाग्यशाली हूं, केदारनाथ के लिए कुछ करने का अवसर मिला
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे यहां आने का कई बरसों से अवसर मिलता आया है। इस बीच, कई बार केदारनाथ पधारने का सौभाग्य मिला। यहां आयी आपदा के दौरान मैं यहां पहुंचा आया था। हृदय में एक टीस थी कि यहां के लिए कुछ करना चाहिए। अपने राज्य गुजरात में प्रवास करते हुए जो कुछ भी बन पड़ा
करता रहा। इसके पश्चात प्रधानमंत्री बना। इस अनूठे राज्य उत्तराखंड में भी अपने अनूकुल सरकार गठित हुई है। मैं समझता हूं कि इस राज्य के लिए 3-4 माह से अधिक काम का अवसर नहीं मिलता, क्योंकि 50 फीट से ऊपर बर्फ लग जाती है और तापमान भी काफी लुढ़क जाता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केदारनाथ की खबर ले लेता हूं
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा इस धरती से विशेष नाता भी रहा है। मैं कल से यहां हूं, दो दिन एक गुफा में रहने चला गय। एकांतवास काफी लंबे अरसे के बाद मिला। 24 घंटे सामने बाबा हैं, इनके दर्शन हो सकते हैं, ऐसी ये गुफा मिली। वहां एक छोटा छेद है, वहीँ से बाबा के दर्शन कर लेता हूं। चूंकि मैं इस समय भारत की स्थिति से कटा रहा। कोई संपर्क नहीं रखा।
5 वर्ष केदारनाथ में रह चुके हैं मोदी
राजनीति की मुख्यधारा में आने से पहले नरेंद्र मोदी ने 5 वर्षों तक बतौर एक वैरागी का जीवन जिया था। 1985 से 1990 के दरम्यान मोदी ने केदारनाथ के गरुड़चट्टी में साधनारत थे।