- मोदी 2.0 कैबिनेट में शामिल न होने के मुद्दे पर सामने आये नीतीश
- बीजेपी का था 1 सीट का ऑफर, जेडीयू को मंजूर नहीं
- सांकेतिक भागीदारी की जरूरत नहीं, बीजेपी के साथ बने रहेंगे
- अटल पर कहा- सीटों के अनुपात में हो मंत्री पद का बंटवारा
पटना। एनडीए-NDA के लम्बे समय से सहयोगी रहे जेडीयू-JDU के कोटे से इस बार मोदी सरकार में एक भी मंत्री नहीं बना है। इसे लेकर सियासी गलियारे में चर्चा गर्म है। जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार Nitish Kumar ने इस पर कहा कि सरकार में सांकेतिक भागीदारी करने की उनकी पार्टी की जरूरत नहीं है। नीतीश ने कहा कि बीजेपी-BJP की तरफ से मंत्रिमंडल-Cabinet में एक सीट ऑफर की गयी थी, लेकिन जेडीयू इस पर राजी नहीं थी। साथ ही, नीतीश ने यह भी स्पष्ट किया कि वह एनडीए के साथ आगे मजबूती से खड़े रहेंगे।
‘सांकेतिक भागीदारी नहीं चाहिए, लेकिन BJP के साथ बने रहेंगे’
पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद पटना पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी मात्र सांकेतिक प्रतिनिधि देने की बात सोचकर बैठी थी, लेकिन इसमें हमारी कोई दिलचस्पी नहीं रही। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने कुछ नहीं मांगा। एनडीए-NDA में बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें कुछ चाहिए ही नहीं, क्योंकि हम वैसे ही सरकार के साथ हैं। लगातार दूसरी बार भारत के पीएम पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में 57 मंत्री इस बार शामिल किये गये हैं।
Bihar CM&JD(U) leader N Kumar: When I was told one ministerial berth will be given to JD(U), I said we don't need it but I'll ask my party. I asked everyone, they said it's not appropriate that we show only symbolic participation when we're together. We're together, not upset. pic.twitter.com/xTLnYyiDM5
— ANI (@ANI) May 31, 2019
‘सहयोगी दलों को 1-1 सीट का ऑफर दे रही थी बीजेपी’
CM नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने हमें जानकारी दी कि नई सरकार में सभी एनडीए-NDA के घटक दलों को 1-1 सीट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बात से ऐसा लगा कि एनडीए के घटक दलों और जेडीयू को सांकेतिक रूप से प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं। बीजेपी के इस ऑफर पर जेडीयू की कोर टीम से बात हुई, इसमें निर्णय हुआ कि अब इस तरह केंद्र में सांकेतिक भागीदारी की कोई जरूरत नहीं रह गयी है। इसलिए भागीदारी सही अनुपात में होनी चाहिए।
अटल का जिक्र कर सही प्रतिनिधित्व की बात की
नीतीश ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटलजी के कार्यकाल में हम साथ थे। सीट के हिसाब से मंत्री पद मिला रहा। ऐसा ही गठबंधन सरकार में होता रहा है। उनके समय तक तो मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले मंत्रालय पर चर्चा हो जाती थी। इसलिए सभी पार्टियों को उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए।
अधिक मंत्री पद पर अड़ने की बात सही नहीं- के. सी. त्यागी
नीतीश से पहले जेडीयू के सीनियर नेता के. सी. त्यागी ने भी मंत्रिमंडल में शामिल न होने के बयान दिये। एक चैनल से बातचीत में त्यागी ने बताया कि ज्यादा मंत्री पद पर अड़ने की बात सही नहीं है। जेडीयू की ओर से किसी का भी नाम नहीं दिया गया था। इसलिए नाम मात्र के लिए सांकेतिक प्रतनिधित्व हो, ये मंजूर नहीं है। वैसे भी बीजेपी से कोई नाराजगी नहीं है, हम आगे उनके साथ बने रहेंगे।