हमारे देश में अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां हिन्दू- मुस्लिम के बीच धार्मिक परम्पराओं को लेकर भेदभाव करते देखा जाता है. लेकिन झारखंड के लोहरदगा जिले की सीमा पर स्थित चनकोपी गांव के लोग इस भेदभाव के अंतर् को कम करते हुए बखूबी दिखाई दे रहे हैं.
चनकोपी गांव के मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर भगवान जगन्नाथ का रथ तैयार करते हैं. ऐसा यहां लोग आज, कल या कुछ सालों से नहीं बल्कि पीढ़ियों से करते आ रहे है. चनकोपी गांव में भगवान जगन्नाथ के रथ को सजाने व तैयार करने के लिए मुस्तकीम, कासिम, हजरत, मकबूल, अकीम और मकसूद लगे हुए हैं.
गुरुवार को विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्र निकाली जाएगी. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हिंदुओं के बड़े त्योहारों में से एक है. जगन्नाथ यात्रा को ओडिशा में खासतौर से बड़ी धूम- धाम से मनाया जाता है.
भगवान जगन्नाथ के रथ को तैयार कर रहे मुस्तकीम अंसारी का कहना हैं कि हम लोग हिंदू- मुस्लिम बाद में हैं पहले हम इस गांव के निवासी हैं. हमारे गांव में हिंदू-मुस्लिम सब लोग साथ मिलकर ईद और रथयात्रा मनाते हैं.
इस गांव में 3 धर्म के लोग रहते हैं और यहां तीनों धर्म खुदा की इबादत, जगन्नाथ भगवान की आराधना और सरना माता की पूजा होती है. हम लोग पूर्वजों के समय से सभी के धार्मिक मूल्यों का संरक्षण करते आ रहे हैं. हमारे गांव में किसी धर्म का अपमान नहीं होता बल्कि सभी धर्मों को समान दर्ज़ा दिया जाता है. इसी वजह से हमारा गांव एक खुशहाल गांव है.