देश में जब भी कोई घटना घटती है तो PM नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार होता है, और जब PM मोदी की पार्टी से जुड़ा मामला हो तो और ज्यादा उम्मीद रहती है, हाल ही में इंदौर से भाजपा विधायक ने नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटा था. मामले में बहुत हंगामा भी बरपा. विधायक जेल भी गए, खैर बाद में उन्हें ज़मानत मिल गयी.
इसी मामले पर अब देश के प्रधानमंत्री ने भी अपना पक्ष रखा है. मौका था, संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग के GMC बालयोगी सभागृह में आयोजित बैठक का, प्रधानमंत्री मोदी दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हुए, इंदौर भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अधिकारी को बैट से पीटने के मामले में बिना नाम लिए कहा कि ऐसी घटनाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती. वह किसी का भी बेटा क्यों न हो उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, ऐसी हरकत करने वाला चाहे किसी का भी बेटा क्यों न हो, उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. लोगों ने PM मोदी के बयान का स्वागत किया है, PM मोदी ने कहा- उन्हें पार्टी में रहने का हक नहीं है. उनको पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए.
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य नेता मौजूद थे.
विधायक के पिता और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय भी अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय का साथ देते नज़र आये थे लेकिन बाद में उन्होंने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। आकाश जी और नगर निगम कमिश्नर दोनों ही कच्चे खिलाड़ी हैं. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था लेकिन इसे बड़ा बनाया गया। मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए.
भाजपा विधायक ने नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीट दिया, जेल भी चले गए, जब जेल में थे तो शहर में “सैल्यूट आकाश जी” के पोस्टर भी जगह-जगह लगें, विधायक जी जेल से बहार भी आ गए.
चलिए अब निगाहें टिकाते हैं प्रधानमंत्री के बयान पर, उन्होंने का कि ऐसी हरकत बर्दास्त नहीं की जाएगी और ऐसे नेताओं को पार्टी से निकाल देना चाहिए. तो निकाल दीजिये न. आपको किसी से पूछने की ज़रुरत है क्या ? जिस भाजपा सरकार को अब पार्टी के नाम से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के नाम से जाना जाता है, उस पार्टी में कोई आपकी बात काट सकता है क्या ? वैसे ये तो एक अच्छा फैसला होगा फिर दिक्कत कैसी ? हम इस बयान से उम्मीद करें कि, कोई एक्शन लिया जायेगा या फिर इस बयान को बयान ही समझें.