राष्ट्रपति ने संसद द्वारा पारित ट्रिपल तालक विधेयक को दी मंजूरी.
एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित ट्रिपल तालक विधेयक को मंजूरी दे दी है.
अपनी पत्नी को तत्काल ट्रिपल तालक देने वाले मुस्लिम पुरुषों को तीन साल तक की कैद की सजा देने वाले विधेयक को मंगलवार को संसद ने पारित कर दिया.
संसद ने विधेयक को मंजूरी दे दी, जो राज्यसभा द्वारा पारित किए गए विवादास्पद कानून के बाद तत्काल ट्रिपल तालाक को एक आपराधिक अपराध बनाता है.
लोकसभा ने पिछले हफ्ते मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक पारित किया था. राष्ट्रपति द्वारा अब इसे मंजूरी देने के साथ, मुस्लिम पुरुषों द्वारा ट्रिपल तलाक की प्रथा को तीन साल तक की जेल की सजा होगी.
विपक्षी नेताओं ने बिल का किया था विरोध
सासंद में में इस बिल को लेकर खूब हंगामा हुआ था. कई विपक्षी नेता विधेयक के विरोध में खड़े थे. विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सदस्य अमी याज्ञनिक ने कहा कि, महिलाओं को धर्म के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए.
उन्होंने सवाल किया कि सभी महिलाओं के प्रति क्यों नहीं चिंता की जा रही है? उन्होंने कहा कि समाज के सिर्फ एक ही तबके की महिलाओं को समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, यह समस्या सिर्फ एक कौम में ही नहीं है.
हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे मोदी सरकार की बड़ी जीत मानी जा रही है.
बिल की खास बातें
- एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी और अवैध होगा
- ऐसा करने वाले पति को होगी तीन साल के कारावास की सजा
- तीन तलाक देना गैरजमानती और संज्ञेय अपराध होगा
- पीड़िता को मिलेगा गुजारा भत्ता का अधिकार
- मजिस्ट्रेट करेंगे इस मुद्दे पर अंतिम फैसला
- जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर पूरे देश में लागू होना है
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