झारखंड की 19 वर्षीय ऋचा भारती ने रांची के कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है. ऋचा भारती ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यकों के बारे में अप्पतिजनक टिप्पणी की थी. जिसके लिए रांची की अदालत ने ऋचा को सजा के तौर पर पांच कुरान बांटने के लिए कहा था.
लेकिन ऋचा भारती ने कोर्ट के इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया है. ऋचा ने कहा कि वह इस मामले में उच्च न्यायलय जाएंगी. ऋचा का कहना है कि उसने अपने वकील से बात की है. मैंने कोई नियम कानून नहीं तोड़ा है. मैं कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाऊंगी.
ऋचा ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान यह बात कही कि कोर्ट में जो भी कहा गया वह मौखिक था. जिस दौरान यह फैसला सुनाया गया था उस समय न मैं अदालत में थी और न ही कोर्ट का फैसला मुझे लिखित तौर पर मिला है.
ऋचा ने कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार करते हुए कहा कि वैसे तो में हजार कुरान की कॉपियां बांट सकती हूं लेकिन सजा के तौर पर नहीं.
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ऋचा ने कहा मुझे तो यह भी नहीं पता था कि मझे किस पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था. ऋचा का कहना है कि उन्होंने भारतीय मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा था. बल्कि मैंने तो रोहिंग्या मुस्लिमों पर पोस्ट शेयर किया थी.
ऋचा भारती ने अपनी पोस्ट पर सफाई देते हुए कहा कि यह पोस्ट उन्होंने नहीं लिखी थी. ऋचा ने कहा मैंने तो बस उस पोस्ट को शेयर किया था. मैं फेसबुक के बहुत सारे ग्रुप में हूं. उन ग्रुप में जो कुछ मुझे सही लगता है, मैं शेयर कर देती हूं. इसी तरह वो पोस्ट भी मैंने शेयर कर दी थी. किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का मेरा मकसद नहीं था.
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