रेप पीड़िता ने पूर्व सपा मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ केस वापस लिया
समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को आखिरकार कुछ राहत मिली, जो एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में मार्च 2017 से जेल में सजायाफ्ता हैं.
पूर्व मंत्री पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला ने अब अपना बयान वापस ले लिया है. महिला ने अदालत में अपने बयान को यह कहते हुए वापस ले लिया कि पूर्व मंत्री ने उसका बलात्कार नहीं किया, बल्कि उसके दो सहयोगियों ने किया.
पीड़ित द्वारा मंगलवार को प्रयागराज में विशेष एमपी-एमएलए अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें पूर्व मंत्री के खिलाफ अपने आरोपों को वापस ले लिया गया.
सूत्रों ने कहा कि प्रजापति समाजवादी पार्टी (सपा) से नाराज थे, क्यूंकि जेल जाने के बाद उसे छोड़ दिया गया है.
अमेठी के रहने वाले प्रजापति के पुत्रों ने अमेठी के हालिया लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता स्मृति ईरानी के लिए प्रचार किया था.
गौरतलब है कि, वह खनन घोटाले का भी एक आरोपी है, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है.
इस मामले से आप समझ सकते हैं कि, कैसे एक हुक्मरान पर बलात्कार का आरोप लगता है और फिर पीड़िता ख़ुद अपने आरोपों को वापस ले लेती है.
ऐसी क्या परिस्थिति आ गई जो पीड़िता को अपना आरोप वापस लेने को मजबूर कर गया. क्या किसी तरह का दवाव बनाया गया होगा ? पीड़िता को धमकाया गया होगा ? इसके मारे में हमें नहीं पता, लेकिन अधिकतर हाई प्रोफाइल केसों में ऐसा देखा जाता है कि, पहले बड़े बाहुबली पर आरोप लगते हैं फिर डर की वजह से बयान व आरोपों को वापस ले लिया जाता है.
क्या यहां भी यही हुआ ?
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