भारत में बजट सत्र अभी शुरू भी नहीं हुआ है कि, भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बुरी खबर आ गई है. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया है. फिच ने वित्त वर्ष 2020 के लिए भारत के GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.6 फीसदी पर रखा है. यह फिच के पूर्व में लगाए गए अनुमान से 0.2 फीसदी कम है. साथ ही बीते मार्च महीने में चालू वित्त वर्ष के लिए फिच ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP की वृद्धि दर का अपना अनुमानित 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया.
क्या होती है क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ?
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (सीआरए) (CRA), एक कंपनी है जो निश्चित प्रकार के ऋण भार निर्गमित करने वाली संस्थाओं की और स्वयं ऋण उपकरणों की साख योग्यता का निर्धारण करती है। कुछ मामलों में, अंतर्निहित ऋण की सुविधाओं को भी श्रेणी दी जाती है।
एजेंसी ने पहले कहा था कि, घरेलु अर्थव्यवस्था में ग्रोथ की रफ़्तार कम है. फिच की रिपोर्ट के मुताबिक ऑटोमोबाइल और दोपहिया वाहन जैसे क्षेत्र जो नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) के कर्ज पर निर्भर करता है उसमें साख की उपलब्धता सख्त हो गई है जिससे बिक्री में कमी आई है. हाल ही में संसद का बजट सत्र आज से ही शुरू हो रहा है. ऐसे समय में इस तरह के अनुमान जारी होने से सरकार की चुनौतियों और परेशानियों को बढ़ा सकता है .
क्या कहते है आकड़ें
इस क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत के जीडीपी अनुमान के जो आंकड़े दिए गए हैं वो चीन के बराबर पहुंच गया है. दरअसल, 2018 में चीन की भी रफ्तार 6.6 फीसदी रही थी.
अहम बात यह है कि फिच ने ऐसे समय में भारत के जीडीपी ग्रोथ पर आशंका जाहिर की है जब वर्ल्ड बैंक भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.5 फीसदी बता रहा है. पिछले दिनों वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में आने वाले दो साल तक जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी के आंकड़े पर ही रहने का अनुमान बताया था.
हालांकि वर्ल्ड बैंक ने 2019 में चीन की 6.2 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया है. वर्ल्ड बैंक के अनुमान के मुताबिक 2020 में 6.1 फीसदी और 2021 में इसकी गति 6 फीसदी तक सिमट जाएगी.वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के जीडीपी को लेकर पूर्वानुमान में 0.2 फीसदी की कटौती की थी. हालांकि साल 2020 में पाकिस्तान के जीडीपी का स्तर 7 फीसदी के जादुई आंकड़े को टच कर सकता है.