युवाओं को खुश रहना सिखा दें, तो हम मुकदमों की संख्या कम कर सकते हैं: CJI
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि अगर हम युवाओं को खुश रहना सिखा दें, तो हम देश में मुकदमों की संख्या को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने न्यायिक अकादमियों में ‘हैप्पीनेस क्लासेज’ चलाने का विचार भी रखा.
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में ‘हैप्पीनेस क्लासेज’ की शुरुआत की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में गोगोई ने अपने संबोधन के दौरान दिल्ली सरकार के इस प्रयास की जमकर प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग इतने दुखी हैं कि बड़ी संख्या में मुकदमे लंबित हैं, जो आगे चलकर लोगों को दुखी करते हैं। अगर हम अपने युवाओं को खुश और संतुष्ट रहना सिखा दें, तो मुकदमों में स्वत: कमी आ जाएगी.’’
गोगोई ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘हैप्पीनेस क्लासेज चलाना एक शानदार विचार है। हम ऐसा अपनी न्यायिक अकादमियों में भी कर सकते हैं.’’
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों में शुरू हुए ‘हैप्पीनेस’ पाठ्यक्रम के एक साल पूरा होने पर स्कूलों में 15 दिन के ‘हैप्पीनेस उत्सव’ के समापन समारोह के तौर पर तालकटोरा स्टेडियम में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.
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