दिल्ली : राज्य में दो महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं. पार्टी के भीतर ही विरोधाभास है. नेता कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी के तरफ पलायन कर रहे हैं. शुक्रवार को झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या होगा झारखंड में देश की सबसे पुरानी पार्टी का ?
कांग्रेस के पास न राष्ट्रीय अध्यक्ष है और न ही प्रदेश अध्यक्ष. हालाँकि शनिवार को CWC की बैठक हुई. उम्मीद है नतीजा जल्द निकलेगा.
सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस की ऐसी स्थिति में राहुल गांधी पार्टी के फैसले से किनारा कैसे कर सकते है. जबकि प्रियंका गांधी कई अहम मौके पर अपनी मौजुदगी दर्शाती रहीं.
देश का सबसे पुरानी पार्टी अपना अध्यक्ष नहीं खोज पा रही है. देश के मुद्दे के पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रही है. तो कैसे मानें की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी.
बताया जा रहा है कि, कांग्रेस अगले-एक दो दिनों में नए अध्यक्ष का एलान कर सकती है.
कौन होगा झारखंड प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष
नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. उनमें पहला नाम सुबोधकांत सहाय का बताया जा रहा हैं. वहीँ इसके अलावा खूंटी चुनाव में सबको चौंकानेवाले कालीचरण मुंडा का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में दौड़ रहा हैं.
खबर यह भी आयी हैं कि, नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश पहले से ही जारी थी इसीलिए डॉ. अजय कुमार ने अपना इस्तीफा पार्टी आलाकमान को भेज दिया.
सूत्रों का कहना हैं कि वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय को नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया जा सकता हैं.
लेकिन कुछ नेता मानते हैं कि राज्य की बागडोर अब युवाओं के हाथ में सौंपनी चाहिए. तो सवाल फिर ये है कि डां अजय कुमार का इस्तीफा फिर क्यों.
अजय कुमार ने सुबोध कांत सहाय पर उनको गुंडे भेज कर हमला करवाने और किन्नरों को पार्टी हेडक्वाटर के बहार तमाशा करवाने का आरोप लगाया था.
अजय कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों पूछे जाने पर सुबोध कांत ने कहा कि, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आहूत बैठक में यह निर्देश दिया गया था कि मीडिया में किसी भी प्रकार की बयानबाजी से बचा जाए.
इसलिए अभी डॉ. अजय के द्वारा लगाए गए इल्जाम पर बयान देने का वक्त नहीं है. उनके द्वारा लगाए गए आरोप पर सही वक्त आने पर जवाब दिया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि, मैं कांग्रेस का एक अनुशासित सिपाही हूं और पार्टी के निर्देश पर हमेशा से काम करता रहा हूं. वक्त है कि हम आगामी विधानसभा चुनाव में कैसे बेहतर प्रदर्शन करें, इस पर ध्यान दें.
फिलहाल झारखंड कांग्रेस अभी भी मझधार में है.