भारत के टैक्स अधिकारी अब जान सकेंगे कि स्विस बैंकों में किन भारतीयों का कितना काला धन जमा है. जी हां. इसके लिए भारत और स्विट्जरलैंड के बीच एक करार हुआ है जो 1 सितंबर से प्रभावी होने जा रहा है. इससे काले धन का पता लगाना आसान हो जाएगा.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन से लड़ाई के खिलाफ इस कदम को काफी अहम करार दिया है. बोर्ड ने कहा है कि सितंबर से ‘स्विस बैंक से जुड़ी गोपनीयता’ का दौर समाप्त हो जाएगा. सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाता है.
सीबीडीटी (CBDT) ने कहा है कि सूचना आदान प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आए स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने 29-30 अगस्त के बीच राजस्व सचिव ए बी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पी सी मोदी और बोर्ड के सदस्य (विधायी) अखिलेश रंजन के साथ बैठक की.
एक आंकड़े के तरफ देखें तो साल 1980 से साल 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों ने लगभग 246.48 अरब डॉलर (17,25,300 करोड़ रुपये) से लेकर 490 अरब डॉलर (34,30,000 करोड़ रुपये) के बीच काला धन देश के बाहर भेजा. इसमें ज्यादातर हिस्सा स्विस बैंकों में जमा है. भारत सरकार काफी दिनों से इसकी जानकारी जुटाने की कोशिश में लगी थी. 1 सितंबर से स्विस बैंकों में गोपनीयता का नियम हटने के बाद भारत को बड़ी कामयाबी हासिल होने जा रही है.
स्विस बैंक के खातों की जानकारी सामने आने के बाद कई कदम उठाए जाएंगे. स्विस बैंक के अकाउंट होल्डर्स की सूचनाएं मिलने के बाद इसका मिलान उनके टैक्स रिटर्न से किया जाएगा और अहम कदम उठाए जाएंगे. यह समझौता पिछले साल 36 देशों के साथ लागू किया गया है.