हर साल क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या, जानें इसका महत्व
सावन महीना चल रहा है और सावन महीने में आने वाली अमावस्या का बहुत महत्व होता है. हिन्दू मान्यता के मुताबिक यह अमावस्या सावन में आती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है. इस दिन दान किया जाता है. इससे भगवान शिव प्रसन्न होते है.
हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन एक पेड़ हरेक व्यक्ति को लगाना चाहिए. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि यह संपूर्ण प्रकृति यानी स्त्री स्वरूप है और हम एक मात्र पुरुष हैं. भगवान के इस कथन में प्रकृति का अर्थ पृथ्वी से है जिससे तमाम जीव जंतु, तृण और पेड़ पौधे उत्पन्न होते हैं. हरियाली अमावस्या पृथ्वी की पूजा का दिन है.
मान्यता है कि इस दिन पेड़ लगाने से ग्रह दोष शांत होते हैं. अमावस्या तिथि का संबंध पितरों से भी माना जाता है. पितरों में प्रधान अर्यमा को माना गया है. भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि वह स्वयं पितरों में प्रधान अर्यमा हैं.
धार्मिक और सामाजिक संस्थान पौधे गिफ्ट करते हैं
हरियाली अमावस्या पर वृक्ष लगाने से प्रकृति और पुरुष दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. हरियाली अमावस्या के इसी महत्व के कारण कई धार्मिक और सामाजिक संस्थान इस दिन वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन करते हैं जिसमें वह एक दूसरे को पौधे गिफ्ट करते हैं. पौधे गिफ्ट में देना इस दिन शुभ माना गया है.
हरियाली अमावस्या की महत्वपूर्ण बातें
- हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने ईष्टदेव का ध्यान लगाना चाहिए.
- भविष्य पुराण के अनुसार जिन्हें संतान न हो, उनके लिए वृक्ष ही संतान हैं. इसलिए इस दिन सच्ची श्रद्धा से पेड़- पौधे लगाने चाहिए.
- वृक्षारोपण के साथ साथ उन्हें समय समय पर खाद- पानी देने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करके इसके फेरे लिए जाते हैं और मालपुओं का भोग लगाया जाता है.
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