आंगनवाड़ी बहनों ने आज राजुला विधायक को सौंपी मांगपत्र
बता दें कि विकास के इस मॉडल में राजुला में चल रही आंगनबाड़ी का एक साल का किराया बकाया है।
राजुला में आंगनवाड़ी किराए के भवन में चल रही है।
आंगनवाड़ी बहनों ने आज राजुला विधायक को सौंपी मांगपत्र
गुजरात सरकार बार-बार कहती रही है कि जब वह महिला सम्मान और महिला रोजगार की बात करती है, तो अमरेली जिले के राजुला में आंगनवाड़ी जो वर्तमान में एक निजी किराए के भवन में चल रही है, जहां छोटे बच्चों की नींव तैयार की जा रही है, उस भवन का किराया अभी तक नहीं दिया गया है, और अवधि 12 महीने (जुलाई 2024 से मई 2025) हो गई है। इस मामले को लेकर कार्यकर्ता बहनों ने आईसीडीएस विभाग को कई बार लिखित व मौखिक ज्ञापन दिया है, लेकिन प्रशासन की ओर से आज तक कोई उचित जवाब नहीं मिला है। उन्हें बार-बार बताया जाता है कि जिले से अनुदान नहीं मिला है, इसलिए वे भुगतान नहीं कर रहे हैं। जब इन बहनों ने जिला कार्यालय में इस बारे में पूछताछ की तो वहां से भी यही जवाब मिला कि राज्य से अनुदान नहीं मिला है, अगर राज्य से अनुदान आएगा तो उसका भुगतान कर दिया जाएगा। मौजूदा स्थिति यह है कि मकान मालिक बार-बार किराए का दबाव बना रहा है और मकान खाली करने को कह रहा है। जब आंगनवाड़ी बहनों का वेतन मात्र 10,000/- प्रति दस हजार रूपये है, जो घर चलाने के लिए बमुश्किल पर्याप्त होता है, ऐसी कठिन परिस्थिति में आंगनवाड़ी चलाना कठिन है। जब इन बहनों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह किराये की राशि जल्द से जल्द मिल जानी चाहिए, तो प्रशासन न तो किराये की राशि दे रहा है, बल्कि बच्चों के नाश्ते और भोजन के लिए जो गैस सिलेंडर का पैसा मिलना चाहिए, वह भी प्रशासन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। जब इन बहनों का पैसा रोक लिया गया और गैस सिलेंडर खरीदते समय किराया राशि और विभिन्न मांगें नहीं मानी गईं तो बहनों को ये आंगनवाड़ी केंद्र बंद करने पड़ेंगे क्योंकि मकान मालिक को देने के लिए किराया कहां से लाएंगे?
इस संबंध में राजुला विधायक हीरालाल सोलंकी ने आश्वासन दिया है कि इन बहनों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा।
रिपोर्टर योगेश कानाबर अमरेली


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