सुपौल: पक्की सड़क की आस में कीचड़ में चलने को मजबूर ग्रामीण, चुनाव के बाद गायब हो जाते है जनप्रतिनिधि
सुपौल के प्रतापगंज स्थित चिलौनी दक्षिण पंचायत आम्हा गांव वार्ड नंबर 8 में ग्रामीण आज भी पक्की सड़क नहीं होने के कारण कीचड़ में चलने के लिए मजबूर हैं सरकार लाख विकास की बात कर ले लेकिन हकीकत अभी वैसा ही बना हुआ है जैसा कि 20 साल पहले स्थिति था । अभी भी वहां के लोग घर से कीचड़ में होकर निकलना पड़ता है । सड़क पर पहुंचने के लिए कच्ची सड़क जो बरसात के मौसम में काफी बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं जिससे लोग पैदल हो या मोटरसाइकिल गड्ढे में जाना ही पड़ता है । ग्रामीणों को भला कब पक्की सड़क नसीब होगा यह तो देखने वाली बात है। जब वहां के ग्रामीणों से बात किया गया तो ग्रामीणों ने कई चौंकाने वाले राज खोले जिनको सुनकर आप भी हैरान और परेशान हो जाएंगे । उन लोगों का कहना है कि यहां के वर्तमान मुखिया को चाहे पंचायत समिति हो या जिला परिषद हो सिर्फ चुनाव में ही वोट मांगने के लिए हमलोगों के गांव में आते हैं । जीतने के बाद देखने तक नहीं आते है।यहां एक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है । स्कूल भी है तो गांव से 2 किलोमीटर दूरी पर शिफ्ट कर दिया है। जिससे यहां के बच्चे कीचड़ में होकर जाते हैं। बरसात के समय में बच्चों का शिक्षा बाधित हो जाता है। पंचायत के वर्तमान मुखिया गांव से थोड़ी दूर में पीसीसी दलाई भी किया है तो वह इसी बरसात के मौसम में जर्जर हो जाएगा । सरकार ग्रामीण सड़क की समस्या को कब तक दूर कर पाएगी यह तो देखने वाली बात होगी। फिलहाल वहां के लोगों ने सड़क को लेकर के क्या कुछ कहा लिए आपको दिखाते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से


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