आतंकी हमले में शहीद हुए रोहतास के लाल मनीष रंजन: पहलगाम में पत्नी-बच्चों के सामने हुई निर्मम हत्या।
रोहतास — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन की दर्दनाक मौत ने रोहतास सहित पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है। मूल रूप से रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र के अरूहीं गांव निवासी मनीष रंजन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उसी दौरान आतंकियों ने 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले बैसरन घाटी में हमला कर दिया और मनीष रंजन को उनके बच्चों और पत्नी के सामने ही गोली मार दी।
शादी के बाद से परिवार संग थे बंगाल में, पोस्टिंग थी हैदराबाद में
मनीष रंजन की शादी वर्ष 2010 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुई थी। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं। उनके चाचा आलोक कुमार ने बताया कि मनीष वर्तमान में हैदराबाद में आईबी अधिकारी के पद पर तैनात थे। वह अपने माता-पिता के साथ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के झालदा में रहते थे। उनके पिता मंगलेश मिश्रा झालदा हाई स्कूल में शिक्षक थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे मनीष, परिवार में शोक की लहर
मनीष रंजन तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। छोटे भाई विनीत रंजन झारखंड में उत्पाद विभाग में अधिकारी हैं, जबकि सबसे छोटे भाई राहुल रंजन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में फूड इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित हैं। पूरे परिवार में इस घटना के बाद गहरा शोक व्याप्त है। आलोक कुमार ने बताया कि उन्हें मंगलवार रात करीब 9:00 बजे टीवी के माध्यम से इस दर्दनाक घटना की जानकारी मिली। उन्होंने सरकार से आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
सासाराम में भी है निजी मकान, चाचा-चाची रहते हैं वहां
मनीष रंजन का रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के गौरक्षणी मोहल्ले में भी एक निजी मकान है। वहां उनके चाचा-चाची निवास करते हैं। जैसे ही मनीष के शहीद होने की खबर वहां पहुंची, पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने घटना पर गहरा दुख जताया और शहीद मनीष को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पर्यटन के दौरान निशाना बना मनीष का परिवार
मनीष रंजन अपने परिवार सहित कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में छुट्टियां मना रहे थे। मंगलवार को वह अपने परिजनों के साथ बैसरन घाटी में घूमने गए थे, जहां आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में मनीष की मौके पर ही मृत्यु हो गई। हालांकि उनकी पत्नी और बच्चे बाल-बाल बच गए, लेकिन आंखों के सामने पिता और पति की हत्या देख वे गहरे सदमे में हैं।
न्याय की मांग, देश में आक्रोश
इस हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। मनीष रंजन के परिजनों ने केंद्र सरकार से आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब देश के खुफिया एजेंसी के अधिकारी ही आतंकियों के निशाने पर हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। वहीं बिहार सरकार ने भी शहीद मनीष रंजन के परिवार को हरसंभव सहायता देने की बात कही है।
शहीद मनीष को अंतिम विदाई की तैयारी, गांव में उमड़ा जनसैलाब
मनीष रंजन के पार्थिव शरीर को जल्द ही उनके पैतृक गांव अरूहीं लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गांव में लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया है और हर कोई अपने इस लाल की शहादत पर गर्व और गम से भरा हुआ है।


Advertisement
Trending News













Newsletter
Aliqu justo et labore at eirmod justo sea erat diam dolor diam vero kasd